Tuesday, January 28, 2025

UEFI or LEGECY आपके कंप्यूटर के लिए कौन सा बेहतर है?

 आपने शायद UEFI और Legacy शब्दों को अपने कंप्यूटर के BIOS सेटिंग्स में देखा होगा। लेकिन इन दोनों में क्या अंतर है और आपके लिए कौन सा बेहतर है? आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।




UEFI क्या है?

UEFI का पूरा नाम Unified Extensible Firmware Interface है। यह एक नया प्रकार का फर्मवेयर इंटरफेस है जो BIOS को बदलने के लिए आया है। UEFI BIOS की तुलना में अधिक सुरक्षित, तेज़ और लचीला है।

UEFI के मुख्य फायदे:

  • तेज़ बूटिंग: UEFI BIOS की तुलना में बहुत तेज़ी से बूट करता है।
  • ग्राफिकल यूजर इंटरफेस: UEFI में एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस होता है जो BIOS की तुलना में उपयोग करने में आसान होता है।
  • सुरक्षा: UEFI में कई सुरक्षा सुविधाएँ हैं जो आपके कंप्यूटर को हैकर्स से सुरक्षित रखने में मदद करती हैं।
  • बड़े डिस्क का समर्थन: UEFI 2.5 टेराबाइट से बड़े डिस्क का समर्थन करता है जबकि BIOS केवल 2.2 टेराबाइट तक का समर्थन करता है।
  • नेटवर्क बूटिंग: UEFI नेटवर्क से बूट करने की अनुमति देता है।

Legacy क्या है?

Legacy BIOS का पुराना संस्करण है। यह अधिकांश पुराने कंप्यूटर्स में पाया जाता है।

Legacy के नुकसान:

  • धीमा बूटिंग: UEFI की तुलना में बहुत धीमा बूट करता है।
  • टेक्स्ट-बेस्ड इंटरफेस: Legacy में एक टेक्स्ट-बेस्ड इंटरफेस होता है जो उपयोग करने में मुश्किल हो सकता है।
  • सुरक्षा कमजोरियां: Legacy में सुरक्षा कमजोरियां होती हैं जो आपके कंप्यूटर को हैकर्स के लिए कमजोर बना सकती हैं।
  • बड़े डिस्क का समर्थन नहीं: Legacy 2.2 टेराबाइट से बड़े डिस्क का समर्थन नहीं करता है।

UEFI या Legacy: कौन सा बेहतर है?

UEFI और लेगेसी BIOS कंप्यूटर के स्टार्टअप प्रोसेस को नियंत्रित करने वाले दो अलग-अलग सिस्टम हैं।

UEFI (यूनीवर्सल एक्सटेंसिबल फर्मवेयर इंटरफेस) एक आधुनिक और अधिक उन्नत सिस्टम है जो लेगेसी BIOS की जगह ले रहा है।

लेगेसी BIOS (बेसिक इनपुट/आउटपुट सिस्टम) एक पुराना सिस्टम है जो लंबे समय से कंप्यूटरों में इस्तेमाल किया जाता रहा है।

यहां दोनों के बीच कुछ मुख्य अंतर हैं:

  • इंटरफ़ेस: UEFI में एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) होता है, जबकि लेगेसी BIOS में टेक्स्ट-बेस्ड इंटरफ़ेस होता है।
  • बूट प्रक्रिया: UEFI में तेज़ बूट समय होता है क्योंकि यह केवल आवश्यक ड्राइवरों को लोड करता है। लेगेसी BIOS में धीमी बूट प्रक्रिया होती है क्योंकि यह सभी डिवाइसों को स्कैन करता है।
  • सुरक्षा: UEFI में सुरक्षा सुविधाएँ जैसे सिक्योर बूट होती हैं जो मैलवेयर से सुरक्षा प्रदान करती हैं। लेगेसी BIOS में ऐसी कोई सुरक्षा सुविधाएँ नहीं होती हैं।
  • डिस्क समर्थन: UEFI बड़े डिस्क आकारों का समर्थन करता है, जबकि लेगेसी BIOS सीमित डिस्क आकार का समर्थन करता है।

आजकल अधिकांश नए कंप्यूटर UEFI का उपयोग करते हैं क्योंकि यह अधिक सुरक्षित, तेज़ और लचीला है।

अगर आपके पास एक नया कंप्यूटर है, तो UEFI का उपयोग करना बेहतर है। UEFI तेज़, सुरक्षित और उपयोग करने में आसान है।

अगर आपके पास एक पुराना कंप्यूटर है, तो आप Legacy का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन अगर आप अपने कंप्यूटर को अपग्रेड करना चाहते हैं, तो UEFI पर स्विच करना एक अच्छा विचार होगा।

UEFI पर स्विच करने के लिए क्या करें?

यदि आप UEFI पर स्विच करना चाहते हैं, तो आपको अपने कंप्यूटर के BIOS सेटिंग्स में जाना होगा और UEFI मोड को सक्षम करना होगा।

ध्यान दें: UEFI पर स्विच करने से पहले, आपको अपनी सभी डेटा का बैकअप ले लेना चाहिए।

निष्कर्ष

UEFI BIOS की तुलना में एक बेहतर विकल्प है। यह तेज़, सुरक्षित और उपयोग करने में आसान है। अगर आपके पास एक नया कंप्यूटर है, तो UEFI का उपयोग करना बेहतर है।

अतिरिक्त जानकारी:

  • कुछ मदरबोर्ड में UEFI और Legacy दोनों मोड होते हैं। आप अपनी जरूरत के अनुसार किसी भी मोड को चुन सकते हैं।
  • UEFI और Legacy के बीच अंतर को समझने के लिए आप ऑनलाइन कई ट्यूटोरियल देख सकते हैं।

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