Google Play पर नकली ऐप आपको बेवकूफ़ बना सकते हैं! कैसे पहचानेंगे आप इन्हें?
Identify Fake Apps in Google Play Store
जब भी पहली बार हमारे हाथों में एक नया चमकीला लेटेस्ट एंड्रॉइड आता हैं, तो हम क्या करते हैं? अनुमान लगाने कि कोई आवश्यकता नहीं! हम सभी प्रकार के ऐप्स डाउनलोड करते हैं, जिनमें होते हैं – गेम्स, मैसेजिंग, वॉलपेपर, मीडिया स्ट्रीमिंग, सोशल इत्यादि। लेकिन थोड़ा रुकें! क्या आप इस बारे में सावधान हैं कि आप अपने फोन में क्या डाल रहे हैं? अफसोस की बात है, हम में से ज्यादातर नहीं।
एंड्रॉइड ऐप्स के लिए हम गूगल प्ले स्टोर पर भरोसा करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्ले स्टोर पर नकली ऐप्स की भरमार हैं?
प्ले स्टोर में फेसबुक, व्हॉटस्ऐप जैसे पॉपुलर ऐप्स के नकली ऐप्स मौजूद हैं, जो उन्हीं कि तरह दिखने के लिए डिज़ाइन किए गए जाते हैं। अकसर ऐसे नकली ऐप्स असली ऐप के आइकॉन और नाम का उपयोग कर ट्रिक करते हैं, ताकि आप उन्हें डाउनलोड करें। इसके बाद वे आपके मोबाइल में एड्स (या इससे भी बुरा, मालवेयर) कि बौछार करते हैं।
ऐसा ही एक इशू हाल ही में WhatsApp का हुआ था। व्हाट्सएप का एक नकली वर्जन पिछले साल एक लाख से ज्यादा लोगों द्वारा डाउनलोड किया गया था, और कुछ हफ्ते पहले लोकप्रिय SwiftKey कीबोर्ड का एक नकली वर्जन प्ले स्टोर पर पाया गया था। सुर्खियों में आने के बाद इसे हटा दिया गया था।
आप शायद यह सोच रहे होंगे कि इन नकली ऐप को डाउनलोड किया तो क्या नुकसान होगा? तो आपको बता दे कि वे आपकी सारी पर्सनल इनफॉर्मेशन को चोरी कर सकते हैं, या इससे भी बदतर आपकी हर एक एक्टिविटी पर नज़र रख सकते हैं।
कुछ ऐप्स में मैलवेयर शामिल हो सकता है जो पर्सनल इनफॉर्मेशन चोरी कर सकते हैं। इन बोगस ऐप्स में क्रेडिट कार्ड की इनफॉर्मेशन एंटर करने पर स्कैमर्स लाभान्वित हो सकते हैं।
Google Play Store हमेशा नकली और मालिसियस ऐप्स से इन्फेक्टेड होने के लिए न्यूज़ में रहा है और यही वजह है कि किसी भी ऐप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड करते समय हमारी आँखें खुली रखनी चाहिए।
Google Play Store में नकली ऐप्स की पहचान करने के लिए यहां कुछ आसान टिप्स दी गई हैं। आप चाहें तो उन्हें फालों करें।
1) सर्च के रिज़ल्ट को बारीकी से देंखें:
यदि आप Play Store पर उस ऐप को सर्च कर रहे हैं, जिसे आप इंस्टॉल करना चाहते हैं, तो सभी सर्च रिज़ल्ट पर कुछ सेकंड ध्यान दें, खासकर अगर आप एक जैसे कई आइकॉन देखते हैं।
नकली ऐप लगभग हमेशा जिस ऐप कि नक़ल करने की कोशिश करते हैं, उसी के जैसे आइकॉन का उपयोग करते हैं। इसलिए यदि आपको एक ही आइकॉन एक बार से ज्यादा दिखाई देता है तो यह तुरंत संदेह का कारण होना चाहिए (यदि इस ऐप का प्रो वर्जन नहीं हैं तो)। यह पहला तरीका है, जिससे लोगों को यह नकली ऐप डाउनलोड करने के लिए ट्रिक किया जाता हैं।
2) ऐप का नाम और डेवलपर को चेक करें:
ऐप आइकॉन एक जैसे हैं, तो ऐप का नाम और डेवलपर पर ध्यान दें।
आप जिस ऐप को इंस्टॉल करने की योजना बना रहे हैं, उसके डेवलपर के बारे में थोड़ा सर्च करें। डेवलपर का नाम ऐप के ठीक नीचे लिखा होता है।
डेवलपर की प्रोफ़ाइल भी देखें। “Editor’s Choice” या “Top Developer” के टैग वाले ऐप असली होने कि ज्यादा संभावना रखते हैं।
यदि डेवलपर पर कोई टैग नहीं हैं, तो Google में इस नाम से सर्च करें। देखें कि आपको क्या मिलता है। आमतौर पर असली डेवलपर कि इंटरनेट पर एक वेबसाइट होती हैं और इसके साथ ही अन्य वैलिड और वेरिएबल डिटेल्स होने की अधिक संभावना होती है।
3) इस ऐप को कितने लोगों ने डाउनलोड किया हैं?
यदि आप एक लोकप्रिय ऐप डाउनलोड कर रहे हैं, तो हमेशा डाउनलोड कि संख्या पर एक नज़र डालें। मान लीजिए कि आप फेसबुक जैसा पॉपुलर ऐप इंस्टॉल कर रहे हैं तो इसे एक अरब से अधिक बार डाउनलोड किया गया हैं।
लेकिन यदि इसे केवल 5,00 लोगों ने डाउनलोड किया हो तो? तो आप अंदाज़ा लगा सकते कि यह शायद गलत या नकली ऐप है।
लेकिन यदि आप जिस ऐप को डाउनलोड करना चाहते हैं, वह इतना लोकप्रिय नहीं है, तो यह टिप आपको उतनी ज्यादा मदद नहीं करेगी। लेकिन बेशक, एक नकली ऐप हमेशा असली ऐप की तुलना में कम बार डाउनलोड होता हैं।
4) यूजर्स कि Rating और Reviews देखें:
यूजर्स कि रेटिंग और उनकी समीक्षा पढ़ने से भी आपको मदद मिलती है, यह जानने में कि यह ऐप असली हैं या नकली।यदि इस ऐप को डाउनलोड करने पर कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, तो रिव्यु पढ़ने से इसका निश्चित रूप से पता चल जाएगा। और अगर रिव्यु खराब है, तो शायद इसकी वजह यह ओरिजनल ऐप नहीं है।
लेकिन कई सारे नकली ऐप्स के रिव्यु भी फर्जी हो सकते हैं, इसलिए इन्हें पढ़ने में कुछ समय बिताएं।
5) Description को पढ़ें:
यह एक महत्वपूर्ण स्टेप है। अगर सब कुछ असली के काफी करीब दिखता है, तो डिटेल अक्सर वह चीज़ हो सकती है जिससे आप कन्फर्म हो जाएंगे।
6) App Permissions को सावधानीपूर्वक पढ़ें:
जब आप कोई भी ऐप इंस्टॉल करते हैं, तो वह आपसे कई सारी बातों कि परमिशन मांगता हैं, जैसे आपके Contacts, Data, SMS, Call Logs, Media Files आदि। ऐसे समय अपने कॉमनसेंस का उपयोग करें। उदाहरण के लिए, यदि आप कोई सोशल नेटवर्किंग ऐप को इंस्टॉल कर रहे हैं, तो उसे आपके Contacts, Data, Media Files कि परमिशन देना आम बात हो सकती हैं, लेकिन जब आप कोई गेम इंस्टॉल करने जा रहे हैं और वह इन्हीं बातों के एक्सेस कि परमिशन मांगे तो इस ऐप से दूर रहना ही समझदारी हैं।
7) स्क्रीनशॉट को देखें:
कई बार नकली ऐप असली के आइकॉन का इस्तेमाल कर लेते हैं, लेकिन उनके स्क्रीनशॉट को करीब से देखने पर आपको पता लग सकता हैं कि वे असली हैं या नकली।
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